
CBSE, CISCE 10th 12th Board Exam Update: 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षार्थियों को झटका! नहीं मिलेगी ये छूट…
CBSE,CISCE 10th 12th Board Exam Latest Update: सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और और CISCE को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं (10th 12th Board Exam) में बैठने वाले छात्रों के लिए केवल ऑफलाइन माध्यम के बजाय हाइब्रिड माध्यम (Online or Ofline) का विकल्प उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस स्तर पर प्रक्रिया में बाधा डालना उचित नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की पहले सत्र की परीक्षाएं 16 नवंबर से शुरू हो गई हैं, जबकि काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (CISCE) की बोर्ड परीक्षाओं के पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं 22 नवंबर से शुरू होनी हैं.
CBSE की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ को बताया कि ऑफलाइन माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए सभी एहतियात बरते गए हैं. परीक्षा केंद्रों की संख्या 6,500 से बढ़ाकर 15,000 तक कर दी गई हैं. पीठ ने कहा कि ‘वह उम्मीद और विश्वास’ करती है कि प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियात और उपाय करेंगे कि परीक्षा के दौरान किसी के भी साथ कुछ अप्रिय नहीं हो.
शीर्ष अदालत बोर्ड परीक्षाएं दे रहे छह छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में CBSE और CISCE को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के बीच केवल ऑफलाइन माध्यम के बजाय हाइब्रिड माध्यम में कराने के लिए संशोधित परिपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने पीठ को बताया कि वह विरोध में नहीं हैं और उनका तो सिर्फ यही अनुरोध है कि बोर्ड परीक्षाएं दे रहे छात्रों को हाइब्रिड माध्यम का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाए. हेगड़े ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी जगह वायरस फैलने की आशंका है जहां कई लोग एकत्रित होते हैं. मेहता ने कहा कि करीब 34 लाख छात्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बैठेंगे. उन्होंने कहा, ‘सीबीएसई की परीक्षाएं पहले ही 16 नवंबर को शुरू हो गई हैं.’ उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों ने कोरोना वायरस फैलने की आशंका को लेकर जतायी चिंता का ध्यान रखा है.
पीठ ने हेगड़े से पूछा, ‘हमें इस बारे में काफी व्यवहारिक रहने दीजिए. परीक्षाएं पहले ही शुरू हो गयी हैं. अब इसे कैसे ऑनलाइन बनाया जा सकता है.’ वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति बदलती रहती है और छात्रों को हाइब्रिड माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं देने का विकल्प दिया जाना चाहिए. इस पर पीठ ने कहा, ‘अब बहुत देर हो गयी है. इस स्तर पर परीक्षाओं में बदलाव नहीं किया जा सकता. परीक्षाएं शुरू हो गई हैं.’